झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश

गौरव सिंघल, देवबंद। झोलाछाप डाक्टर की लापरवाही से हुई बालक की मौत के मामले में एसीजेएम अदालत ने पुलिस को झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए है। एसीजेएम परविंदर सिंह की अदालत में चली सुनवाई के दौरान गांव जड़ौदा जट्ट निवासी महिला कोमली पत्नी विनोद शर्मा ने बताया कि उसके पुत्र उपलक्ष उर्फ हनी के पेट में 21 अप्रैल 2025 को अचानक दर्द हुआ तो गांव में ही क्लीनिक चलाने वाले इमरान पुत्र मुन्शी निवासी जड़ौदा जट्ट को बुलाया। 

उन्होने बताया कि इमरान ने कहा कि घबराने की बात नहीं है बच्चा ठीक हो जाएगा। उसने अपने पास से दो इंजेक्शन लगाए। आरोप है कि इंजेक्शन लगाने के बाद बच्चे के हाथ पैर नीले पड़ गए और उसने दम तोड़ दिया। पीड़िता का आरोप है कि डाक्टर इमरान ने बच्चें को एक्सपायरी तारीख के इंजेक्शन लगाए। पीड़िता ने इमरान पर बच्चें की हत्या करने, खुद को नशे के इंजेक्शन लगाने व उसके पास कोई डिग्री न होने का आरोप लगाया।

सुनवाई के दौरान डाक्टर इमरान अपनी कोई डिग्री अदालत में पेश नहीं कर सका। उसने बताया कि वह केवल बालक को देखने गया था इंजेक्शन नहीं लगाया। अदालत द्वारा मामले की जांच सी.एम.ओ. से कराने के बाद अदालत ने पाया कि इमरान झोलाछाप चिकित्सक है। घटना के बाद से गांव में उसकी दुकान भी बंद है। ए.सी. 
जे.एम. परविंदर सिंह की अदालत ने इसे केवल चिकित्सीय लापरवाही नहीं अपितु हत्या की श्रेणी का अपराध मानते हुए पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए है।

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