इंतजार

डाँ. राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 

अंधेरों को जैसे
रोशनी का इंतजार है।
नफरत को जैसे
मोहब्बत का इंतजार है।
बादलों को जैसे
बरसने का इंतजार है।
राहों को जैसे
हमराही का इंतजार है।
वृक्षों को जैसे
खिलते हुए पत्तों का इंतजार है।
सूखी भूमि को जैसे
वर्षा का इंतजार है।
सावन को जैसे
बहारों का इंतजार है।
वैसे मुझे तुम्हारा
मेरे जीवन में इंतजार है।

Post a Comment

Previous Post Next Post