श्री गीता भवन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का तीसरा दिन

गौरव सिंघल, देवबंद। श्री गीता प्रचार समिति सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में श्री गीता जयन्ती के पावन पर्व पर श्री गीता भवन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन व्यास पीठ पर मनोज जी महाराज ने कहा कि भगवान हमेशा भक्तों की रक्षा करते है। भगवान के अनेकों अवतार इसका प्रमाण है। अपने भक्त प्रहलाद के लिये नारायण ने नरसिंह रूप धारण किया। जीवन में सत्संग का लाभ अवश्य मिलता है। गजेन्द्र मोक्ष की कथा हमें भगवान के दीनबन्धु स्वभाव का दर्शन कराती है। अहंकार का त्याग करने पर ही भगवान की कृपा प्राप्त होती है। राजा बलि के द्वार पर भगवान ने वामन रूप में दर्शन देकर सभी का कल्याण किया। पुण्य कर्म करने से लोक एवं परलोक दोनों ही सवर जाते है। गौमाता का दर्शन करने से सभी देवताओं के दर्शन का फल मिलता है। गौसेवा करने से सभी शुभ कामनाऐं पूर्ण होती है। गौमाता का स्थान परिवार के सदस्य की तरह होता है। गाय को पहली रोटी खिलाने से घर में बरकत आती है। जहाँ गौमाता रहती है वहाँ गोपालजी रहते है। कामधेनु सभी की कामना को अवश्य पूर्ण करती है। नाम संकीर्तन की महिमा अपार है। सत्संग सेवा सुमिरण ही सुखदाई हैं। कथा का पूूजन विधि-विधान से पंडित विनय प्रकाश तिवारी द्वारा कराया गया। यजमान धीरज गर्ग श्रीमती उमा गर्ग रहे। प्रसाद सतीश सिंघल की ओर से वितरित किया गया। संचालन सुधीर गर्ग ने किया। इस अवसर पर अपार संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।

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