गौरव सिंघल, सहारनपुर। उ.प्र. उद्योग व्यापार मंडल के तत्वावधान में आज गीता जयंती के अवसर पर स्थानीय रेलवे रोड पर एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के पश्चात व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन, कोषाध्यक्ष कर्नल संजय मिडढा, अशोक मलिक द्वारा मंडल मुख्यालय कार्यालय में जाकर मण्डलायुक्त रूपेश कुमार को श्रीमद भागवत गीता भेंट की गयी। मण्डलायुक्त रूपेश कुमार द्वारा व्यापार मण्डल द्वारा गीता के प्रचार व प्रसार में किये जा रहे कार्यों की सराहना की गयी। इस अवसर पर अपर आयुक्त प्रथम भानु प्रताप यादव, अपर आयुक्त द्वितीय रमेश यादव भी मौजूद रहे।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन ने कहा कि श्रीमद भागवत गीता आज से 5162 वर्ष पूर्व लिखी गयी थी और जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने और सफलता पाने के लिए गीता पढ़ना अत्यंत आवश्यक है। श्रीमद भागवत गीता 18 अध्याय और 700 श्लोकों का विश्व वंदनीय ग्रंथ है, स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा अर्जुन के निमित मानव मात्र को दिया गया यह गीता उपदेश हमारी श्रद्धा, आस्था और भावना का गौरव ग्रंथ तो है ही साथ ही जाति, वर्ग, वर्ण, ऊँच-नीच, निर्धन-धनवान आदि की संकीर्णताओं से अतीत सबके लिए समान रूप से उपयोगी भी है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां गीता जी की उपयोगिता सिद्ध न होती हो। किसी भी क्षेत्र की ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान इस पावन प्रेरक ग्रंथ में न हो। उन्होनें कहा कि संसार में जितने भी सुख है वह सारा का सारा ज्ञान के कारण है और जितना भी दुःख है अज्ञान के कारण है। इसलिए हर बुद्धिमान व्यक्ति दुःखों से छूटने हेतु ज्ञानी होना चाहता है वह ज्ञान की प्राप्ति करना चाहता है। ज्ञान ही प्रकाश है, जो अंतः और ब्रह्म में फैलकर वस्तु तथा शब्दार्थों का साक्षात्कार कराता है। गीता के अध्ययन से इन सब चीजों की प्राप्ति होती है। श्री टण्डन ने कहा कि गीता के सर्वमान्य और प्रमाण स्वरूप अलौकिक ग्रंथ है। एक छोटे से आकार में इतना विशाल, योग, भक्ति और ज्ञान से पूर्ण ग्रंथ संसार की प्रसिद्ध भाषाओं में कोई दूसरा नहीं है और इसमें सभी धर्मों का सार भरा हुआ है। श्री टण्डन ने कहा कि प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती मनाई जाती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार द्वापर युग में इसी दिन कुरूक्षेत्र के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान की गंगोत्री है और पूछने और जानने की प्रक्रिया में भी गीता का महत्व है। प्रश्न पूछने की इच्छा रखने वाले लोग गीता पढ़ते हैं, क्योंकि इसमें समाधान है।
व्यापार मण्डल के जिला महामंत्री रमेश अरोडा एवं जिला कोषाध्यक्ष कर्नल संजय मिडढा ने कहा कि गीता विश्व के सभी धर्मों के सर्वश्रेष्ठ धर्मग्रंथों में से एक है और हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारे देश में आने वाले विभिन्न देशों के राजनेताओं और विदेशों में जाकर जिन नेताओं से मिल रहे हैं, उनको समय-समय पर श्रीमद्भागवत गीता ही भेंट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढ़ियों को धर्म, कर्म व ज्ञान सिखाने के लिए गीता ही सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है और यह ग्रंथ जीवन उत्थान के लिए स्वच्छ, स्वस्थ, सात्विक वातावरण निर्माण के लिए राष्ट्र तथा गौरव की पहचान के लिए मानवता की मुस्कान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें ज्ञान, भक्ति व कर्मयोग के मार्ग की विस्तृत व्याख्या की गयी है और गीता पढ़े आगे बढ़े यही हम सबका ध्येय होना चाहिए। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन द्वारा उपस्थित व्यापारी प्रतिनिधियों को श्रीमद भागवत गीता की एक-एक प्रति भेंट की गयी। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन, जिला महामंत्री रमेश अरोडा, जिला कोषाध्यक्ष कर्नल संजय मिडढा, मेजर एस.के.सूरी, अशोक मलिक, पवन कुमार गोयल,मुरली खन्ना, रमेश डावर आदि मौजूद रहे।
