श्री गीता भवन पर आयोजित संगीतमय श्री मद्भागवत कथा का दूसरा दिन

गौरव सिंघल, देवबंद। श्री गीता प्रचार समिति सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में श्री गीता जयन्ती के पावन पर्व पर श्री गीता भवन पर  आयोजित संगीतमय श्री मद्भागवत कथा के दूसरे दिन सुमधुर कथा प्रवक्ता मनोज जी महाराज ने कहा कि कलियुग में हरिनाम ही सार है इसलिए सभी को हरिनाम का सुमिरण करना चाहिए। मनोज जी महाराज ने कहा कि भगवान की भक्ति करने से मन शांत रहता है, सत्कर्म करने से यश बढता है, सेवा करने से आशीर्वाद मिलता है।  गौमाता और परमात्मा में कोई अन्तर नहीं है, गौसेवा परमधर्म है। यदि गाय की रक्षा होगी तो ये संसार बचेगा। दयावान व्यक्ति के हृदय में परमात्मा निवास करते है। ध्रुव भक्त ने नाम जाप के प्रभाव से भगवान को प्राप्त कर लिया था। भक्ति में अपार बल है। 

इस अवसर पर मनोज जी महाराज ने अपने लिखे भजन-कीर्तन के माध्यम से गौमाता की महिमा का वर्णन किया। कथा पूूजन विधि-विधान से आर्चाय विनय प्रकाश त्रिवारी ने किया। संचालन सुधीर गर्ग ने किया। आज के यजमान प्रीतम माहेश्वरी रहे। प्रसाद आलोक सिंघल, चिराग सिंघल की ओर से वितरित हुआ। कथा में श्रीमती सुधा अंजय गांधी, बलराम माहेश्वरी, महेश माहेश्वरी, पंकज अग्रवाल, सुशील कर्णवाल, संजय मित्तल, सुनील बंसल, राजकुमार जाटव, सोनू गर्ग, विमला देवी, मधु शर्मा, मंजू शर्मा, कान्ता त्यागी, मीनू गर्ग, अनिता तायल आदि उपस्थित रहे। 

Post a Comment

Previous Post Next Post