शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्री राम कॉलेज के कृषि संकाय, कम्प्यूटर एप्लीकेशन संकाय के द्वारा कृषि विभाग, एवं सेवायोजन विभाग, मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश सरकार) के तत्वाधान में शिक्षित युवाओ के लिए अपनी क्षमता को अनलॉक करना करियर में सफलता के लिए एक गाइड विषय पर करियर काउन्सलिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया। यह प्रोग्राम ग्रामीण युवा कौशल विकास कार्यक्रम का 25 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम तहत किया गया। इस कार्यकर्म का शुभारम्भ उप कृषि निदेशक, मुजफ्फरनगर डॉ. प्रमोद सिरोही, सेवायोजन अधिकारी श्रीमती पारुल सिंघल, संस्थान के निदेशक डॉ अशोक कुमार, श्रीराम कॉलेज प्राचार्या डॉ प्रेरणा मित्तल, डीन डॉ विनीत कुमार शर्मा, डीन कम्प्यूटर एप्लीकेशन विभाग निशांत राठी एवं कृषि विभाग अध्यक्ष डॉ मौ. नईम के द्वारा किया गया।
इस प्रोग्राम में मुख्य विशेषज्ञ डॉ सोनाली सिंह, जिला असिस्टेंट एम्प्लॉयमेंट अफसर, श्री तरुण पाल, वरिष्ठ प्रवक्ता हिंदुस्तान, श्री आर्यन राज कौशिक, मुख्य काउंसलर आदि ने युवाओ के भविष्य पर मार्गदर्शन किया गया।डॉ सोनाली सिंह ने युवाओ को बताया की अनलॉकिंग योर पोटेंशियल ए गाइड टू करियर सक्सेसष् एक पूरी जानकारी वाला रिसोर्स है जिसे लोगों को अपनी ताकत पहचानने, सही लक्ष्य तय करने और अपने प्रोफेशनल सपनों को पाने के लिए स्ट्रेटेजी बनाने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह गाइड छिपी हुई प्रतिभाओं को बाहर लाने और करियर ग्रोथ को ज्यादा से ज्यादा करने के लिए ज़रूरी चीज़ों के तौर पर सेल्फ-अवेयरनेस, लगातार सीखने और हिम्मत पर ज़ोर देती है। चाहे आप शुरुआत कर रहे हों या आगे बढ़ना चाहते हों, यह प्रैक्टिकल सलाह, मोटिवेशनल जानकारी और काम करने लायक कदम बताती है ताकि आप एक अच्छी और सफल वर्क लाइफ की ओर अपने सफ़र में मज़बूत बन सकें।
आर्यन राज कौशिक ने अपने लेक्चर में ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए करियर काउंसलिंग की अहमियत के बारे में बताया गया है, जिसमें उनके सामने आने वाली खास चुनौतियों और उनके डेवलपमेंट के स्टेज पर ज़ोर दिया गया है। यह सेल्फ-अवेयरनेस को बढ़ावा देने, अलग-अलग करियर ऑप्शन जिसमें एकेडमिक, इंडस्ट्री, एंटरप्रेन्योरशिप और नॉन-ट्रेडिशनल रास्ते शामिल हैं को एक्सप्लोर करने और रिज्यूमे राइटिंग, इंटरव्यू टेक्नीक और नेटवर्किंग जैसी ज़रूरी स्किल्स डेवलप करने में करियर काउंसलर की भूमिका पर ज़ोर देता है। सेशन में अलग-अलग काउंसलिंग स्ट्रेटेजी जैसे इंडिविजुअल सेशन, ग्रुप वर्कशॉप और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर चर्चा की गई है, साथ ही लक्ष्यों को बैलेंस करने और अनिश्चितता को मैनेज करने जैसी चुनौतियों पर भी बात की गई है। प्रैक्टिकल केस स्टडी और सक्सेस स्टोरीज़ असरदार तरीकों को दिखाती हैं। लेक्चर आगे की गाइडेंस के लिए रिसोर्स देने के साथ-साथ लगातार सपोर्ट, मेंटरशिप और प्रोएक्टिव करियर प्लानिंग की अहमियत पर ज़ोर देकर खत्म होता है।
श्री तरुण पाल, वरिष्ठ प्रवक्ता हिंदुस्तान ने बताया की ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के करियर में सफलता के लिए पढ़ाई की आदतें बेहतर बनाना बहुत ज़रूरी है। मुख्य स्ट्रेटेजी में ैड।त्ज् गोल सेट करना, एक बैलेंस्ड स्टडी शेड्यूल बनाना, टाइम को अच्छे से मैनेज करना, एक्टिव लर्निंग टेक्नीक का इस्तेमाल करना, रिसोर्स का इस्तेमाल करना, रिसर्च स्किल्स को बेहतर बनाना, नेटवर्किंग, फीडबैक लेना, हेल्दी लाइफस्टाइल बनाए रखना, मोटिवेटेड रहना, सॉफ्ट स्किल्स डेवलप करना और करियर ग्रोथ के लिए प्लानिंग करना शामिल है।
इस प्रोग्राम के अंत में श्रीमती पारुल सिंघल एवं डॉ अशोक कुमार ने सभी विशेषज्ञ एवं पार्टिसिपेंट का धन्यवाद किया। कार्यक्रम के दौरान डॉ0 विनीत कुमार, डॉ0 श्वेता राठी, डॉ0 गिरेंद्र गौतम, डॉ0 पूजा तोमर, डॉ0 विपिन कुमार, डॉ0 अंजलि जाखड़, डॉ0 प्रवीण मालिक, डॉ0 रिया, डॉ0 उमरा, डॉ0 सूरज सिंह, डॉ0 राजकुमार, डॉ0 सचिन कुमार डॉ0 संतोष, डॉ0 रतना किरण मुख्य रूप से मौजूद रहे।
श्री तरुण पाल, वरिष्ठ प्रवक्ता हिंदुस्तान ने बताया की ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के करियर में सफलता के लिए पढ़ाई की आदतें बेहतर बनाना बहुत ज़रूरी है। मुख्य स्ट्रेटेजी में ैड।त्ज् गोल सेट करना, एक बैलेंस्ड स्टडी शेड्यूल बनाना, टाइम को अच्छे से मैनेज करना, एक्टिव लर्निंग टेक्नीक का इस्तेमाल करना, रिसोर्स का इस्तेमाल करना, रिसर्च स्किल्स को बेहतर बनाना, नेटवर्किंग, फीडबैक लेना, हेल्दी लाइफस्टाइल बनाए रखना, मोटिवेटेड रहना, सॉफ्ट स्किल्स डेवलप करना और करियर ग्रोथ के लिए प्लानिंग करना शामिल है।
इस प्रोग्राम के अंत में श्रीमती पारुल सिंघल एवं डॉ अशोक कुमार ने सभी विशेषज्ञ एवं पार्टिसिपेंट का धन्यवाद किया। कार्यक्रम के दौरान डॉ0 विनीत कुमार, डॉ0 श्वेता राठी, डॉ0 गिरेंद्र गौतम, डॉ0 पूजा तोमर, डॉ0 विपिन कुमार, डॉ0 अंजलि जाखड़, डॉ0 प्रवीण मालिक, डॉ0 रिया, डॉ0 उमरा, डॉ0 सूरज सिंह, डॉ0 राजकुमार, डॉ0 सचिन कुमार डॉ0 संतोष, डॉ0 रतना किरण मुख्य रूप से मौजूद रहे।

