मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। 64वें शिक्षक दिवस के अवसर पर गांधी भवन में शिक्षकों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता की भावना गूंज उठी। जिला शिक्षक दिवस समारोह समिति के तत्वावधान में जिला प्रशासन और विद्यालय निरीक्षक द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रख्यात दार्शनिक, शिक्षक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिनकी जयंती आज ही के दिन मनाई जाती है। गुरु चरण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. निरंजन रॉय ने डॉ. राधाकृष्णन के जीवन और विरासत पर प्रकाश डाला और उन्हें "ज्ञान का प्रकाश स्तंभ और एक दार्शनिक बताया जिनके विचार भारतीय शिक्षा के पथ को आलोकित करते रहते हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आज शिक्षा को पाठ्यपुस्तकों की सीमाओं से आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान के संवाहक नहीं हैं; वे मशालवाहक हैं जो युवा मन में जिज्ञासा, नवाचार और नैतिक शक्ति की ज्योति जलाते हैं।"
उन्होंने कहा कि बच्चों को न केवल पढ़ाई में, बल्कि गायन, खेल, कला और सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे पाठ्येतर गतिविधियों में भी उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी को प्रेरित करने का मतलब केवल उन्हें नौकरियों के लिए तैयार करना नहीं है। इसका अर्थ है उन्हें जीवन की चुनौतियों का साहसपूर्वक सामना करने, विविधता का सम्मान करने, मूल्यों को बनाए रखने और एक न्यायपूर्ण एवं करुणामय समाज के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार करना है।
विधायक दीपायन चक्रवर्ती ने शिक्षकों को सच्चे राष्ट्र-निर्माता के रूप में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने तेज़ी से विकसित हो रहे समाज की माँगों के अनुरूप ढलते हुए, मज़बूत नैतिक दिशा-निर्देशों के साथ युवा मन को पोषित करने के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने युवाओं से अपने गुरुओं से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि किसी भी प्रगतिशील राष्ट्र की नींव समर्पित शिक्षकों के कंधों पर टिकी होती है। अतिरिक्त ज़िला आयुक्त (शिक्षा) अंतरा सेन ने समग्र शिक्षा की आवश्यकता पर ज़ोर दिया जो शिक्षा और चरित्र निर्माण के बीच संतुलन बनाए रखे। उन्होंने शिक्षकों से छात्रों को ज़िम्मेदार नागरिकता और आजीवन सीखने की दिशा में मार्गदर्शन करने में आदर्श बनने का आग्रह किया। कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अप्रतिम नाग ने भी शिक्षकों की परिवर्तनकारी भूमिका पर अपने विचार साझा किए। इससे पहले स्कूल निरीक्षक गणेश हरिजन ने गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में उन शिक्षकों की चिरस्थायी विरासत को याद किया जो निस्वार्थ सेवा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं।
इस अवसर पर जिला आयुक्त मृदुल यादव, स्कूलों के निरीक्षक गणेश हरिजन जिले के तीन सबसे वरिष्ठ प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों के घर गए और अनुभवी शिक्षक को पारंपरिक गमछा, प्रशस्ति पत्र, फलों की एक टोकरी और मिठाई देकर सम्मानित किया। इसी तरह के सम्मान समारोह एलएसी और ब्लॉक स्तर पर भी आयोजित किए गए, जहाँ 34 सेवानिवृत्त शिक्षकों को गमछा और फलों की टोकरियों से सम्मानित किया गया।
