श्रीराम कॉलेज ऑफ लॉ में सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय और भारतीय संविधान विषय पर सेमीनार आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। संविधान दिवस के अवसर पर श्रीराम कॉलेज ऑफ लॉ में सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय और भारतीय संविधान विषय पर एक सेमीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सुनील मित्तल अध्यक्ष सिविल बार संघ  विशिष्ट अतिथि के रूप में आदित्य सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता जिला बार संघ रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ0 रविन्द्र प्रताप सिंह, प्राचार्य, चौ0 हरचंद सिंह कॉलेज ऑफ लॉ खुर्जा के द्वारा की गयी।

कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्रवक्ता मिन्नी संगल ने कहा कि आज हम अपने संविधान के अंगीकरण की 76वीं वर्षगांठ बना रहे है। उन्होंने बताया कि हर साल 26 नवम्बर को भारत में सविंधान दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि सन् 1949 में इसी दिन भारत में संविधान को अपनाया गया था, जो हमारे लोकतंत्र के मूल्यों की याद दिलाता है। कार्यक्रम में विधि के सभी प्रवक्ताओं तथा एलएलबी, बीए एलएलबी तथा बीकाम एलएलबी के विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। निहारिका ने भारतीय संविधान के प्रस्तावना से अवगत कराया। दीपक निरवाल ने संविधान क्या है तथा इसके विकास की प्रक्रिया को विस्तार से बताया। जुनैरा ने कहा कि संविधान में वर्णित अधिकार तथा कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू है। सपना ने महिलाओं के अधिकार पर विचार व्यक्त किये। अक्षिता बरनवाल ने मूल अधिकारों के बारे में अपने विचार व्यक्त करे। शैवी ने बताया कि भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। मेघा ने कहा कि संविधान बनाने के लिए स्वाधीनता से भी पूर्व आये विधान का सन्दर्भ लिया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुनील मित्तल ने सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय के सिद्वान्तों को छात्रों द्वारा अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। डॉ रविन्द्र प्रताप सिंह ने संविधान के निर्माण सन-1909 से 1947 तक की यात्रा के बारे में विस्तार से समझाया उन्होने संविधान निर्माण में संविधान विशेषज्ञ सर बेनेगल नरसिंह राऊ, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के प्रतिनिधी थे के द्वारा किये गये संविधान निर्माण के लिए अनेको देशों के संविधान के विशेष अंग पर शोध करने और निर्माण के लिए एक रूपरेखा तैयार की के बारे में बताया। आदित्य सैनी ने कहा कि संविधान ऐसा साधन है, जो राष्ट्र को प्रगति के पथ पर ले जा सकता है। पूर्व छात्र शशांक अग्रवाल ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में ही लिखा है कि संविधान हम भारत के लोगों ने अपने लिए बनाया है और उसमें हमारे जीवन के लिए उपयोगी सभी तत्व विद्यमान है।
कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय की प्रवक्ता मिन्नी सिंघल ने किया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ0 पूनम शर्मा नेअतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संजीव कुमार, सोनिया गौड़, रितु धीमान, विश्वेन्द्र पंवार, आशीष कुमार, नाहिद अंजुम, मिनी सिंघल, विनय तिवारी, प्रीती चौधरी व त्रिलोकचन्द का सहयोग रहा।

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