सैनपुर कलां में गैर-ऋण सहकारिता समितियों के लिए विशेष शिविर आयोजित, क्रिसिल फाउंडेशन व नाबार्ड ने ग्रामीणों को किया जागरूक

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में, सहकारिता में सहकार कार्यक्रम के तहत गैर-ऋण सहकारिता समितियों के सशक्तिकरण के उद्देश्य से हुसैनपुर कलां व मोइनुद्दीनपुर में विशेष शिविर आयोजित किए गए। शिविर स्थानीय गैर-ऋण सहकारिता समितियों के सदस्यों को महत्वपूर्ण जानकारी और क्षमता निर्माण के अवसर प्रदान करने के लिए समर्पित था।

कार्यक्रम का उद्घाटन और मार्गदर्शन डीडीएम नाबार्ड निलय वत्स ने किया, जिन्होंने सहकारिता आंदोलन के महत्व और गैर-ऋण समितियों की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भूमिका पर प्रकाश डाला। वत्स ने उपस्थित लोगों को नाबार्ड द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में भी अवगत कराया, जिनका उद्देश्य ऐसी समितियों को मजबूत करना है। क्रिसिल फाउंडेशन की कैपेसिटी बिल्डिंग ऑफिसर शीजा खानम ने अपने संबोधन में गैर-ऋण सहकारिता समितियों के लिए क्षमता निर्माण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सदस्यों को वित्तीय साक्षरता, बेहतर प्रबंधन प्रथाओं और टिकाऊ व्यवसाय मॉडल अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हमारी गैर-ऋण सहकारिता समितियां न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हों, बल्कि सामाजिक रूप से भी समावेशी और सशक्त हों।
कार्यक्रम के दौरान बुढ़ाना फील्ड कोऑर्डिनेटर हेमलता व समरीन ने भी संबोधित किया, जिन्होंने जमीनी स्तर पर सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए व्यावहारिक सुझाव और मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने सदस्यों को एक-दूसरे के साथ सहयोग करने और अपने अनुभवों को साझा करने के लिए प्रेरित किया, जिससे पूरे समुदाय को लाभ मिल सके। शिविर में विभिन्न गैर-ऋण सहकारिता समितियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिन्होंने पैनल चर्चाओं और प्रश्नोत्तर सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया। यह कार्यक्रम सहकारिता के सिद्धांतों को मजबूत करने और ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस तरह के शिविर अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर सहकारिता आंदोलन को बढ़ावा देना है।

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